दिल के धोके, ज़बान की शायरी
दिल के धोके, ज़बान की शायरी
Blog Article
जुनून का रास्ता कभी नहीं सरल होता। दिल अंदर से चुपके से उभरता है लेकिन समय की व्यवहार में यह धीरे-धीरे खो जाता है। भावनाएँ ही इसे समझने का रास्ता देती हैं, क्योंकि ज़बान आत्मा की आवाज़ को प्रकाशित करती है।
दुष्टता की छाप: कविता में
प्रेम में धोखा देना एक काला क्रिया होता है। यह सार्वभौमिक रूप से नुकसानदेह होता है और अंदर से घुमावट मचाता है।
कविता में, धोखेबाज़ी का रूप आकर्षक हो सकता है। सकारात्मक शब्दों के ज़रिए, कवि read more अनुचित व्यक्ति की चिंताओं को उजागर करता है।
भावना का दुःख दर्शाते हुए, कवि अविश्वास के दायित्व को सही ढंग से प्रस्तुत जा सकता है।
जब तक मेरा दिल था, तब तक थीं शायरी
जब उनकी दिल में प्यार था, तो कविताएं उड़ती रहती थीं। कोई पल एक क़िस्सा बन जाता था, हर गम को शब्दों में ढाला जाता था।
उनकी शायरी प्यार से भरपूर थी, लेकिन जीवन का ताना-बाना भी तोड़ता गया। जब दिल की वो आग बुझी, तो शब्दों का स्रोत खामोश गया।
फिर से ना आना इस जहाँ
ये सारे नक़्के तो बस बेकार ही हैं। तुम्हारा अच्छा सफेद रंग भी, अब सिर्फ एक मजाक सा लगता है। ज़्यादा गुस्सा हो रहा है मुझे, कि मैं तुम्हें कभी भी माफ़ नहीं कर पाऊंगा। तुमने तो मेरा साथ ही भूल गया। अब सिर्फ एक आज्ञा है मेरे पास - इस दुनिया से निकलो।
दर्द भरी आवाज़ें, धोकेबाज़ शायरी
ये आवाज़ , दिल से निकलती है , एक क्रोध की तरह। हर शब्द में छिपा है एक दुःख, जो दर्द में बदल जाता है । और ये शायरी, चालाक, तुम्हें भर देता है उस फर्ज़ी दिलचस्पी में।
अंधेरा है प्यार का यह गीत
शायरी कहती है कि प्यार में दर्द मिलती है, लेकिन उस मंजिल तक पहुँचने के लिए बहुत सी मुश्किलें का सामना करना पड़ता है। प्यार का रंग भ्रामक होता है, और अक्सर यह परेशान कर सकता है । शायरी इस सच्चाई को बयां करती है कि प्यार में विश्वासघात भी छिपी होती है, और हकीकत यह है कि प्यार हमेशा ही सरल नहीं होता।
Report this page